प्रथम स्थान
नमन महाराष्ट्र कलम की सुंगध
विषय - दर्पण
चेहरे पर से पर्दा मैने उठाया भी नहीं।
दर्पण में देख कभी शर्माया भी नहीं।।
जीवन में खुशियाँ थी गमों में बदल गई।
खुशी से एक पल भी बिताया भी नहीं।।
जो भी संजोये ख्वाब, सारे बिखर गए।
कभी जी भरके मन मुस्कराया भी नहीं।।
वो दिल में दस्तक देने आते तो है मगर,
मुद्दतें गुजर गई, हमने जताया भी नहीं।।
उनकी बेरुखी से दिल बैचेन सा रहता है।
जो वादे किये थे उसने निभाया भी नहीं।।
तुम खास हो मगर हम ठहरे आम इंसान।
इसीलिए चाय पर हमें बुलाया भी नहीं।।
तेरा इंतजार करती रही दिन-रात सुमन
दीये तले अंधेरा चराग़ जलाया भी नहीं।।
✍ सुमन अग्रवाल "सागरिका"
आगरा
🏵️प्रथम स्थान🏵️
नमन मंच
महाराष्ट्र क़लम की सुगंध
विषय....... दर्पण
12-10-20- सोमवार
रूप की हकीकत दर्शाता है
दर्पण ।
चेहरे के भाव को समझाता है
दर्पण ।
आपकी न कालिख छिपाता है
दर्पण ।
दोस्त भी उस जैसा बताता है
दर्पण ।
आपका स्वभाव परिवार का है
दर्पण ।
संस्कार आपके है परवरिश का
दर्पण ।
आपका व्यवहार है संगति का
दर्पण ।
आपका है कर्मभार मेहनत का
दर्पण ।
मन की सच्चाई को जिस दिन
बतायेगा ,
उस दिन ये क्षार क्षार तुमसे हो
जायेगा ।
दर्पण को लगातार कितना भी घिसो यार ,
वो तो तुम्हारी हकीकत को ना ही
छिपायेगा ।
तुमको गर अपना चमकाना है
दर्पण ।
अपनी छवि को गर सुन्दर दिखाना है।
तो ले लो आदर्शो की पॉलिश को
हाथ में ,
हमेशा को मधुर बन चमक जाये
दर्पण ।
स्वरचित सुधा चतुर्वेदी मधुर
मुंबई
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द्वितीय स्थान
महाराष्ट्र की कलम सुगंध
12 अक्टूबर 2020
विषय-दर्पण
विधा-काव्य पद्य
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झूठा जगत, झूठी है शान,
आइना करे, सच पहचान,
दिल से झूठे, नकली ज्ञान,
खाली जेब, समझे धनवान।
करे आइना, जगत पहचान,
सोच ले,जग में, तू मेहमान,
कर ले धर्म, कर्म के काम,
एक दिन होगी,अंतिम शाम।
कितने आये, जग छोड़ गये,
अहित काम उन्हें सदा किये,
अपने स्वार्थ खातिर उन्होंने,
निर्धन जन के मन सता दिये।
देख ले आज, अभी आइना,
कितने भरे तेरे, मन में खोट,
सता सता जन, खून पी रहा,
पसंद तुम्हें पाप, चाहता नोट।
यह आइना, ही अब इंसाफ,
दुष्टों को नहीं करेगा यूं माफ,
दुश्मन रहित देश को बनाएंगे,
देश को, अब महान बनाएंगे।।
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स्वरचित, नितांत मौलिक
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*होशियार सिंह यादव
कनीना-123027 जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा
फोन 09416348400
🏵️द्वितीय स्थान🏵️
नमन मंच
12/10/20
दर्पण
छन्द मुक्त
दर्पण को आईना दिखाने का प्रयास किया है
दर्पण
*********
दर्पण, तू लोगों को
आईना दिखाता है
बड़ा अभिमान है तुम्हें
अपने पर ,कि
तू सच दिखाता है।
आज तुम्हे दर्पण,
दर्पण दिखाते हैं!
क्या अस्तित्व तुम्हारा टूट
बिखर नहीं जाएगा
जब तू उजाले का संग
नहीं पाएगा
माना तू माध्यम आत्मदर्शन का
पर आत्मबोध तू कैसे करा पाएगा
बिंब जो दिखाता है
वह आभासी और पीछे बनाता है
दायें को बायें
करना तेरी फितरत है
और फिर तू इतराता है
कि तू सच बताता है ।
माना तुम हमारे बड़े काम के ,
समतल हो या वक्र लिए
पर प्रकाश पुंज के बिना
तेरा कोई अस्तित्व नहीं ।
दर्पण को दर्पण दिखलाना
मन्तव्य नहीं,
लक्ष्य है
आत्मशक्ति के प्रकाशपुंज
से गंतव्य तक जाना ।
अनिता सुधीर आख्या
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तृतीय स्थान
नमन मंच
विषय-दर्पण
विधा-कविता
रुप का श्रृंगार करता|
सत्य से तिल भर ,न डिगता|
धनी निर्धन में,
समभाव रखता|
सबको सबका सच दिखाता|
किसी का कुछ भी ना छुपाता|
दर्प से डरता न दर्पण सत्य कहता है|
सबकी सच्चाई को दर्पण दिखाता है|
बहुत नाजुक है मगर,
है अथाह बलशाली|
सच को सच कहता है |
हिम्मत का है आली|
प्यार में ये प्रेमियों का मनुहार करता है|
सामने आते ही दिल में ये बसा लेता है|
और अक्श खुद में दिखाता|
राज सबका खोल देता,
आप का मन ही तो दर्पण कहाता है|
शुद्ध चंदन सा अलौकिक,
प्रकाश की द्युति सा प्रकाशित|
वायु सा निर्मल होता है ये|
सत्य की है ये दिव्य मूरत,
विधाता की देन दर्पण कहा जाता है|
सत्य का है यान दर्पण कहा जाता है|
बनों दर्पण सा तो,
जग में पूजे जाओगे |
जहाँ भी जाओगे|
सम्मान पाओगे|
सभी का प्यार और दुलार पाओगे|
मन में अतुलित खुशी का भण्डार पाओगे|
लोग पत्थर दिखायेंगे|
पर हरगिज़ न डरना|
प्रलोभन देंगे मगर
हरगिज़ न सुनना|
ऐसे जीवन का सदस्य उद्धार होता है|
दर्पण से चरित्र वालों का गुणगान होता है|
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
विजय श्रवास्तव-बस्ती
🏵️ तृतीय स्थान🏵️
मंच को नमन
विषय :आईना
दिनांक:१२-१०-२०२०
अवतल उत्तल या समतल दर्पण यूं तो झुठ नहीं बोलता
साफ साफ प्रतिबिंबित कर लेता है
शख्सियत के लगभग
ऊपरी चेहरे मोहरे को!!
पर मोहरे में छुपे असली शख्स को पहचानना मुश्किल है
वह नहीं जानता कैसे हटाना
आच्छादित धुंध और कोहरे
को!!
कहने को हम भले कह दें कहावत व कवित्व में
कि उन्हें दर्पण दिखा दिया
उन्हें आईना दिखाना है
कहते है उनको कहने दो!
पर मैं कहता हूं हर शख्शियत के बहुरूप होते है
आईना या दर्पण क्या जाने
उसकी तो सीमा है वह कैसे
पहचाने भीतर के मन भंवरे को ?
और आप ही बताएं कैसे जाने
हर क्षेत्र हर मोड नुक्कड
के बहुरुपियों को !!!
स्वरचित :अशोक दोशी
सिकन्दराबाद७३३११०९२५८
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सराहनीय प्रस्तुति
1️⃣
विषय-दर्पण
चोका जापानी गीत विधा,
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वक्त के हाथों,
बिखरी है उदासी,
मिट जाएगी,
फिर हँस उठेगें,
काँटों भरी जिन्दगी,
सूने पल में,
एकाकी जीवन में,
विरह रात,
आँसू के उपहार,
लिये तुम्हें बुलाये,
पकी निबौरी,
तन मन अपना,
देखे दर्पण
पवन धीरे धीरे
डोलता रहा,
पीड़ा की शाम ढले,
राधा को श्याम मिले।।
स्वरचित चोका कार देवेन्द्र नारायण दासबसनाछ, ग,।।
2️⃣
महाराष्ट्र कलम की सुगंध
जय जय श्री राम राम जी
12/10/2020/शुक्रवार
*दर्पण*
छंदमुक्त
कहते हैं लोग
ये दर्पण झूठ नहीं बोलता।
अपना राज
स्वयं ही खोलता।
जो भी हो अंतस में
हमको बताता
हमसे कभी
कुछ भी नहीं छिपाया।
लेकिन हम जानते हुए भी, अनजान रहते
अपनी कमियों को कभी नहीं गिनते।
क्योंकि मलिनता को मनसे शायद
निर्मल नहीं करते।
कलुषित विचार
हृदय पर भारी होते हैं
जिन्हें हम जिंदगी भर
ढोते रहते हैं।
मानते नहीं कभी
आइने की बात
करते खुदा से और
खुद से घात।
अभी लगातार जारी हैं
कोशिशें हमारी
हमें नहीं अपनी मातृभूमि, मातृभाषा यहां तक कि अपनी सनातन संस्कृत प्यारी।
तोड फोड़ रहे वही
सोने सा दर्पण
जिसमें दिखता था हमें
अपने चेहरे का अक्श
अपने देश का गौरव
अपने महापुरुषों की मर्यादा और आदर्श।
इसका एक ही निष्कर्ष
अपने ही पांव पर मार रहे कुल्हाड़ी
क्या ऐसे होगा उत्कर्ष।
स्वरचित,
इंजी शंम्भू सिंह रघुवंशी अजेय
गुना,म प्र
3️⃣
🙏नमन मंच महाराष्ट्र कलम की सुगंध🌷
विषय-दर्पण
विधा-स्वतंत्र
दि.12/10/20
समीक्षा हेतु
कविताएं अंतर्मन का अहसास होती है।
ये संघर्षरत जीवन का इतिहास होती है।
देश,प्रेम,भक्ति,ओज,मिलन,वियोग व्यथा,
दुख सुख की साक्षी और विश्वास होती है।
धर्म समाज का"दर्पण"राजनीति पे व्यंग्य,
भूली बिसरी रचनाओं में कुछ खास होती है।
भूत भविष्य वर्तमान को एक सूत्र में बाँधे,
बुद्धि ज्ञान अध्ययन का अभ्यास होती है।
बचपन युवा वृद्धावस्था हर पल शिक्षा देती,
भटके पथ पर कविताएँ प्रकाश होती है।
🌷सुशील शर्मा💐
🙏स्वरचित🌹
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महाराष्ट्र कलम की सुगंध द्वारा आयोजित विषय आधारित लेखन में उत्कृष्ठ सृजन के लिए आपको ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं। महाराष्ट्र कलम की सुगंध परिवार आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है।
अनुराधा चौहान 'सुधी'
सचिव (महाराष्ट्र कलम की सुगंध)
चित्र गूगल से साभार
चयनित रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteसभी को बधाईयाँ💐💐💐💐💐
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