प्रथम स्थान
नमनमंच संचालक ।
महाराष्ट्र कलम की सुगन्ध।
विषय - चित्रलेखन ।
विधा - कविता ।
स्वरचित ।
देखिये करिश्मा कुदरत का
जो देती थी कभी रोशनी घर में
आज बन गयी घरोंदा किसी का।
व्यर्थ हो गयी जो विकास की दौड़ में
बन गयी आसरा किसी जरूरतमंद का।।
तिनका तिनका लाई चुगकर
बनाया नर्म बिछौना।
रहेंगे मेरे बच्चे आराम से
तंग ना हो मेरा छौना।।
व्यर्थ नहीं है कुछ भी जग में
सबका अपना महत्व है।
ये तो नजरिये पर निर्भर है
सीखें सब ये इक संदेश भी है।।
***
प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"
09/10/2020
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द्वितीय स्थान
नमन मंच
चित्रलेखन
9/10/20
कभी बनी थी
रोशन का साज
उजाले की अदभुद साज
चमक उठता था घर द्वार
सांझ की बेला
अम्मा सांझ मनाती
जला लालटेन
हाथ जुड़ाती
रंगरोगन कर
थी खूब सजाती
अब तो पड़ी हुई
खंडहर के पास
नही किसी को
इसकी अब आस
चिड़िया रानी बड़ी सयानी
घर की उनको थी तलाश
मन मोहक शांत एकांत
बच्चो मिलेगा सुरक्षित आवास
बना घरौंदा
सेती बच्चो को
चुग कर दाना
बच्चो को चुगाती
माँ बच्चो का प्यारा संसार
जला रहा
चू चू ची का प्रकाश
फिर से
हँसी लालटेन
पाकर घरद्वार
स्वरचित मीना तिवारी
पुणे महाराष्ट्र
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तृतीय स्थान
नमन मंच
महाराष्ट्र की क़लम के सुगंध
विषय .....चित्र लेखन
09-10-20 शुक्रवार
ये कभी रही थी लालटेन ,
सबको उजियारा देती थी ।
अब निष्क्रिय ये बेकार हुई ,
इसकी अब कद्र न होती थी ।
पर मेरी इस पर दृष्टि पड़ी ,
मेरे कुछ काम ये आ जाये ।
मैंने तिनकों को कर एकत्र ,
कुछ नरम बिछौने बुन डाले ।
मेरे बच्चे अब घोंसले में ,
आराम से पल तो जायेंगे ।
मैं तो नाचीज संतोषी पक्षी हूँ ,
अरमान पूर्ण हों जायेंगे ।
घोंसला हो या नर मकान ,
बस रहिवासी मात्र स्थान रहे ।
संतोष रखो अपने मन में ,
रहने को अपनी एक छत्त रहे ।
बंगला ना हो तो हुआ भी क्या ,
हम सादा एक बना आशियाँ लें ॥
आनन्द से जीवन वहीं कटे ,
जहाँ मानव खुशियों को बांटें ।
स्वरचित सुधा चतुर्वेदी मधुर
मुंबई
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सराहनीय प्रस्तुति
1️⃣
महाराष्ट्र कलम की सुगंध को नमन
विषय चित्र लेखन
दिनांक:९-१०-२०२०
मादा चिडिया की सजग स्नेहील ममता ...
होगा लालूजी के लिए लालटेन चुनावी चिन्ह महज
मेरा तो यह आशियाना और घर दडबा
दरबार दर बदर है!!
मेरी अजुंमन देहलीज दरवाजे
और दीवार ए दर है !!
संजोती सुरक्षा करती हूं प्रेम पूर्वक परवरिश
इसी घौसले में बैखौफ़ हौसले से
चकोर नयन से निगेहबानी
व नजर रख निज घरौंदे की
चहचहाते हुऐ मेरे खून को, चुग्गा खिलाती हूं
मैं खुशी से चहकते हुऐ !
हाल फिलहाल तो यही मेरा घर है!
पर एक बात है
यह मेरा पारिवारिक पारम्परिक
पुश्तैनी आवास या निवास नहीं है
कि हक जमा दें हमेशा के
लिए
न ही सरकारी बंगला है
ऐश आराम और अय्याशी और
अकसर तमाशे के लिए!!!
हम फिर उड़ जायेंगे साथ
जब उड़ने लग जायेंगे ये हमारे नन्हें जल्द ही
अभी तो है अबोध ,
तैयार कर रही हूं पंखों से उडने के लिए!!!
आश्वस्त कर तालीम दे रही हूं
बेफिक्र रहने की
अपने संसार को उमंगमय बना कर
दिगम्बर संत की तरह विहंगम
अम्बर में
विचरने के लिए!!!
स्वरचित:अशोक दोशी
सिकन्दराबाद
अभी -अभी
७३३११०९२५८
2️⃣
नमन मंच-महाराष्ट्र कलम की सुगंध
तिथि09/10/2020
विषय-चित्र लेखन
मेरी चुनमुन चिड़िया
****************
मेरी छोटी चुनमुन चिड़िया ने
बनाया अपना घोंसला लालटेन में
कभी ये लालटेन रहा करता था रोशन
आज पड़ा है घर के कबाड़े में।
याद आता है वो दिन जब हो
जाती घर में बिजली गुल
बीच में रख कर इसको, हम भाई- बहन पढ़ते-लिखते हिलमिल कर
आज ये नन्हीं चिड़िया चुन-चुन
कर लाई तिनका और
इस टूटे लालटेन में
बसाया है अपना नीड़।
छोटे-छोटे प्यारे उसके बच्चे देखो
कैसे मांग रहे दाना मुँह खोल।
ममत्व से भरा ये सुन्दर दृश्य
अपनत्व से भर दिया मेरा दिल।
स्वरचित
अनिता निधि
जमशेदपुर,झारखंड
3️⃣
महाराष्ट्र की कलम सुगंध
चित्र लेखन
जय जय श्री राम राम जी
9/10/2020/शुक्रवार
*लालटेन में घोंसला*
छंदमुक्त
टूटी-फूटी लालटेन
प्रकाश स्तंभ
हमारी आंखों के लिए उजाला
इस टूटी फूटी वस्तु का
सदुपयोग किया
अपना नीड़ घरोंदा बनाने
किसी प्यारी चिड़िया
अथवा
समझदार विहग ने
मां और इसके चूज़े
दोनों खुश हैं
अपने परिवार के साथ में
घरोंदा प्यारा हमें
सुंदर दिख रहा
शिशुओं की चहक
बहुत अच्छा लगा
समझ बूझ से
सुरक्षित घोंसला बना
अनुपयुक्त चीज के साथ
जैसे जीवन खिला।
स्वरचित
इंजी शंम्भू सिंह रघुवंशी अजेय
गुना म प्र
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महाराष्ट्र कलम की सुगंध द्वारा आयोजित विषय आधारित लेखन में उत्कृष्ठ सृजन के लिए आपको ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं। महाराष्ट्र कलम की सुगंध परिवार आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है।
अनुराधा चौहान 'सुधी'
सचिव (महाराष्ट्र कलम की सुगंध)
चित्र गूगल से साभार
चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐💐💐
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