Monday, September 14, 2020

सराहनीय प्रस्तुति (हिन्दी दिवस)

सराहनीय प्रस्तुति
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नमनमंच संचालक ।
महाराष्ट्र कलम की सुगन्ध
आयोजन - हिन्दी दिवस।
शीर्षक - "हिंदी राष्ट्री धरोहर है"
स्वरचित।

गांधी,बोस,विनोवा भावे,
घूमे लेकर छोर से छोर।
राष्ट्रीय आंदोलन की अगुवा
बनी आजादी का स्वर है।
हिन्दी राष्ट्र धरोहर है।।
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राष्ट्रीय एक्य के भाव जगाये।
प्रादेशिक भाषायें अपनाये।
वैज्ञानिक आधार अपनाये।
बोली बड़ी मनोहर है।
हिन्दी राष्ट्र धरोहर है।।

अतुल ज्ञान को लेकर चलती।
नव-नव अनुसन्धान है करती।
देश भक्ति का संधान है करती।
बोली जाती घर-घर है।
हिन्दी राष्ट्र धरोहर है।।

संस्कृत की है प्यारी बेटी
पालि प्राकृत की बहना।
अपभ्रंस बना बहाना जन्म का
पावन मानसरोवर है।
हिन्दी राष्ट्र धरोहर है।।

भारत माता का है सम्मान।
हम सबको है बड़ा अभिमान।
देशभक्ति की यही पहचान।
सब भाषाओं से बेहतर है।
हिन्दी राष्ट्र धरोहर है।।
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प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"
14/09/2020
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महाराष्ट्र कलम की सुगंध
14 सितंबर 2020
विषय-हिंदी दिवस
विधा-कविता
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हिंदी दिवस वेे मना रहे,
कर रहे अंग्रेजी में बात,
वो कैसे भारत वासी हैं,
नहीं देते, जो देश साथ।

खा रहे भारत देश का,
गा रहे अंग्रेजी के गुण,
निज बच्चों को कह रहे,
अंग्रेजी में बनना निपुण।

हिंदी भारत की आत्मा,
ऊपर है जगत परमात्मा,
जब तक प्यारा देश रहे,
हिंदी से रखे शुद्ध आत्मा।

प्रणाम हिंदी दिवस आज,
लो बनाये इसे माथे बिंदी,
गीत गाएं मिलकर आज,
पंजाबी हो या हो वे सिंधी।

मधुर, सरस, सलिल होती,
सुन हिंदी खुश मन आत्मा,
हिंदी हैं हमारी मां की भाषा,
हिंदी भाषा होती परमात्मा।।
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स्वरचित, नितांत मौलिक
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*होशियार सिंह यादव
मोहल्ला-मोदीका, वार्ड नंबर 01
कनीना-123027 जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा
 व्हाट्सअप एवं फोन 09416348400
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नमन मंच
दिनांक14/9/20
विषय-हिंदी दिवस


हिंदी हमारी भाषा।
नाता है अच्छा खाशा।

है धर्म यहाँ अनेको।
है भिन्न भिन्न भाषा।

है कठिन बहुत हिंदी।
जिसको न आये ये भाषा।

ये संस्कृत की है बेटी।
ऋषि मुनियों ने तराशा।

रखती है जोड़कर हमे।
ये हिंदी की है सरलता।

सिखाती है विनम्रता।
भावो की अभिव्यक्तता।

अपनापन हमे सिखाती।
ये मातृ भूमि की भाषा।

आओ बढे संकल्प लेकर।
रखे विचार की समता।

हर रोज हिंदी दिवस हो।
ये न्याय की हो सत्ता।

भाषा भी अच्छी अंग्रेजी।
पर हिंदी से न विमुखता।

सम्मान हो सभी का।
अपमानित न हो कोई भाषा।

स्वरचित-
मीना तिवारी
पुणे महाराष्ट्र
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नमन मंच
दिनांक 14/9/2020

विषय-हिन्दी दिवस
विधा-छन्दमुक्त कविता


सिंध से हिन्द फिर हिन्दी बना
कई भाषा मिलकर हिंदी बना।

हिंदी हम सब की पहचान है
हम भारतीय  की  शान है।

हिंदी माता की दुलार है
हिंदी पिता का प्यार है।

हिंदी हमारी अभिव्यक्ति है
यही भाषा की शक्ति है।

हिंदी  सुमधुर संगीत है
मन को छूने वाली गीत है।

हिंदी नदियों की धार है
बारिश की ठंडी बौछार है।

सुबह की शीतल बयार है
हिंदी ही हमारा संसार है।

हिंदी बर्फ सी फैली चादर है
नदियों को एक करता सागर है।

हिंदी सावन की हरियाली है
सुबह निकलती किरन की लाली है।

नूरफातिमा खातून "नूरी"( शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर

मेरी रचना मौलिक स्वरचित है

महाराष्ट्र कलम की सुगंध द्वारा आयोजित चित्र आधारित कविता लेखन में उत्कृष्ठ सृजन के लिए आपको ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं। महाराष्ट्र कलम की सुगंध परिवार आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है।

अनुराधा चौहान 'सुधी'

चित्र गूगल से साभार
सचिव (महाराष्ट्र कलम की सुगंध)

5 comments:

  1. बहुत ही सुंदर रचनाएँ 👌
    ढेर सारी बधाई व शुभकामनाएं 💐💐💐

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  2. चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐

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  3. चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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  4. बधाईयाँ💐💐💐💐

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  5. बधाईयाँ💐💐💐💐

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